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आरा: बिहार के आरा जिले के हेमतपुर गांव में गुरुवार को एक जीप ड्राइवर संतोष सिंह की बहादुरी की कहानी सामने आई। पेट में गोली लगने के बावजूद, संतोष ने अपने 15 यात्रियों को सुरक्षित घर पहुंचाया। अब उनकी हालत गंभीर है और आरा के एक निजी अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और शुरुआती जांच में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति पर शक जताया जा रहा है।
बिहार में जीप ड्राइवर की बहादुरी
संतोष सिंह तिलक समारोह से लोगों को लेकर वापस लौट रहे थे। तभी रास्ते में उनकी जीप पर गोली चलाई गई। गोली उनके पेट में लगी। इसके बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सभी यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गोली लगी फिर भी यात्रियों को बचाया
डॉक्टर विकास सिंह ने बताया, 'गोली लगने से उनकी आंत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। उनका एक बड़ा ऑपरेशन हुआ है। क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत की गई है। लेकिन उन्हें कम से कम एक हफ्ते तक निगरानी में रखा जाएगा। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।' जगदीशपुर के SDPO राजीव चंद्र सिंह ने कहा, 'हम इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। FSL और DIU टीमों को वैज्ञानिक जांच के लिए लगाया गया है। हमने रास्ते की पूरी जांच की है और स्थानीय लोगों से अपराधियों की पहचान करने में मदद मांगी है।'
दो और गाड़ियों को बनाया गया था निशाना
SDPO ने आगे बताया, 'जांच में पता चला है कि तिलक समारोह से लौट रहे काफिले के दो और वाहनों को भी निशाना बनाया गया था। एक गाड़ी के टायर से गोली का छर्रा बरामद हुआ है। स्थानीय लोगों ने हमे बताया कि संदिग्ध अपराधी इस इलाके का नहीं है। उसका स्केच दिखाने पर स्थानीय लोगों ने इसकी पुष्टि की है। ऐसा लगता है कि गोली चलाने वाला कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति हो सकता है। मामले की जांच जारी है।'
बिहार में जीप ड्राइवर की बहादुरी
संतोष सिंह तिलक समारोह से लोगों को लेकर वापस लौट रहे थे। तभी रास्ते में उनकी जीप पर गोली चलाई गई। गोली उनके पेट में लगी। इसके बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और सभी यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।गोली लगी फिर भी यात्रियों को बचाया
डॉक्टर विकास सिंह ने बताया, 'गोली लगने से उनकी आंत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। उनका एक बड़ा ऑपरेशन हुआ है। क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत की गई है। लेकिन उन्हें कम से कम एक हफ्ते तक निगरानी में रखा जाएगा। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।' जगदीशपुर के SDPO राजीव चंद्र सिंह ने कहा, 'हम इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। FSL और DIU टीमों को वैज्ञानिक जांच के लिए लगाया गया है। हमने रास्ते की पूरी जांच की है और स्थानीय लोगों से अपराधियों की पहचान करने में मदद मांगी है।'दो और गाड़ियों को बनाया गया था निशाना
SDPO ने आगे बताया, 'जांच में पता चला है कि तिलक समारोह से लौट रहे काफिले के दो और वाहनों को भी निशाना बनाया गया था। एक गाड़ी के टायर से गोली का छर्रा बरामद हुआ है। स्थानीय लोगों ने हमे बताया कि संदिग्ध अपराधी इस इलाके का नहीं है। उसका स्केच दिखाने पर स्थानीय लोगों ने इसकी पुष्टि की है। ऐसा लगता है कि गोली चलाने वाला कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति हो सकता है। मामले की जांच जारी है।'किसने चलाई गोली?
संतोष सिंह के परिवार ने बिहिया थाने में शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन उन्होंने किसी पर आरोप लगाने से इनकार कर दिया है। SDPO ने कहा, 'परिवार का कहना है कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है।' यह घटना संतोष सिंह की अदम्य साहस और कर्तव्यपरायणता को दर्शाती है। गोली लगने के दर्द के बावजूद उन्होंने अपने यात्रियों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा। पुलिस जल्द से जल्द अपराधी को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
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